The Basic Principles Of shiv chalisa in hindi
The Basic Principles Of shiv chalisa in hindi
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पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
Additionally it is effective for students, and children. The best thing is the fact it doesn't require elaborate preparations and just needs your devotion and naturally couple of minutes of time. On the other hand, a single really should frequently chant Shiva Chalisa with utmost devotion to obtain the blessings of Lord Shiva.
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के shiv chalisa lyricsl तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।
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कमल नयन पूजन चहं सोई ॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
तब ही Shiv chaisa दुख प्रभु आप निवारा ॥ किया उपद्रव तारक भारी ।
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥